नव ऊषा की नवल रश्मि ये,
नव प्रभात ले आई है |
नव उपवन की ये किसलय,
जो चहूँ दिशा महकाई है|
मन प्रसून तन उपवन बन कर,
मलय बसंत बहाया है |
अहो भाग्य है, हम सब का,
जो नवल क्रांति ले आया है |
हे पथिक रुकना मत आगे,
तुमको बढ़ते जाना है |
बढ़ कर स्वागत कर लो,
कल ही इसको आना है |
कल ही इसको आना है ||
(आप सभी को नव वर्ष मंगलमय हो)
नव प्रभात ले आई है |
नव उपवन की ये किसलय,
जो चहूँ दिशा महकाई है|
मन प्रसून तन उपवन बन कर,
मलय बसंत बहाया है |
अहो भाग्य है, हम सब का,
जो नवल क्रांति ले आया है |
हे पथिक रुकना मत आगे,
तुमको बढ़ते जाना है |
बढ़ कर स्वागत कर लो,
कल ही इसको आना है |
कल ही इसको आना है ||
(आप सभी को नव वर्ष मंगलमय हो)
दीपांकर कुमार पाण्डेय
-:सर्वाधिकार सुरक्षित :-
हे पथिक रुकना मत आगे,
जवाब देंहटाएंतुमको बढ़ते जाना है |
बढ़ कर स्वागत कर लो,
कल ही इसको आना है |
कल ही इसको आना है ||
बहुत अच्छी तरह से नए साल का स्वागत आपने किया है.
मेरी तरफ से:-
नया साल फिर आ गया,गया पुराना साल.
खुशियों से कर जाये ये,तुमको मालामाल
आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहे पथिक रुकना मत आगे,
जवाब देंहटाएंतुमको बढ़ते जाना है ।
बढ़ कर स्वागत कर लो,
कल ही इसको आना है ।
नव-प्रभात का स्वागत करती हुई बहुत अच्छी कविता।
सुमधुर ध्वनियों भावनाओँ से सजी कविता अच्छी लगी. नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंअहो भाग्य है, हम सब का,
जवाब देंहटाएंजो नवल क्रांति ले आया है |
हे पथिक रुकना मत आगे,
तुमको बढ़ते जाना है ...
बेहद प्रेरणादायी पंक्तियाँ ।
आभार दीप जी।
Happy New year !
.
एक बेहतरीन रचना । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंकाबिले तारीफ़ शव्द संयोजन ।
बेहतरीन अनूठी कल्पना भावाव्यक्ति ।
सुन्दर भावाव्यक्ति । साधुवाद ।
satguru-satykikhoj.blogspot.com
नव आशा में सजा रहे मन,
जवाब देंहटाएंनव प्रभात हो, हो नव जीवन,
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंएक बेहतरीन रचना । नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना....नव वर्ष आपके व आपके परिवार के लिए मंगलमय हो...
जवाब देंहटाएंbahut achchhi prastuti ,
जवाब देंहटाएंnav varsh ki shubhkaamnayen
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं"हे पथिक रुकना मत आगे
जवाब देंहटाएंतुमको बढ़ते जाना है
बढ़ कर स्वागत कर लो
कल ही इसको आना है
कल ही इसको आना है"
आप ही की पंक्तियाँ आप ही को सुपुर्द कर रही हूँ दीप...काफी अच्छा लिखते हैं तथा भाषा के धनी हैं...बहुत आकर्षक रचना...
बेहतरीन गीत. नव वर्ष पर पुरानी बातों से कुछ नई सीख लें सकारात्मक सोच के साथ नव वर्ष का सवागत करें. आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं्बहुत सुन्दर सार्थक गीत , से नव वर्ष का स्वागत...बधाई..दीप
जवाब देंहटाएं---१६-१४ मात्रा के पद हैं, कहीं कहीं मात्रा दोष ठीक करने हैं...
बहुत ही सुंदर कविता........... नव वर्ष मुबारक हो.
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanywaad Dr.shyam Gupta ji aap ne hamaari galtiyon ke baaren men hamen avgat karaaya hai. hame asha hai ki aage bhi anugrah banaaye rakhenge
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता....
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
जवाब देंहटाएंkal hi isko aana hai.
जवाब देंहटाएंkal hi isko aana hai.
bahut hi sundar bhavon se aapne nav varsh ka swagat kiya .man mohak kavita....
हे पथिक रुकना मत आगे,
जवाब देंहटाएंतुमको बढ़ते जाना है |......कविता बहुत सुन्दर और भावपूर्ण है। बधाई।
Happy Lohri To You And Your Family..
जवाब देंहटाएंLyrics Mantra
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same to u harman ji & thanks
जवाब देंहटाएंसमधुर शब्द संयोजन...सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंbahut sunder kavita.apko bhi nav varsh tatha makar snkranti ki anek shubh kamnaye....
जवाब देंहटाएंshabdo ka sundar tana bana . bahut sundar kavita dost
जवाब देंहटाएंnav varsh mangalmy ho
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंयदि आप बुरा न मानें तो सिर्फ अपने ब्लॉग का कलर-कोम्बिनेशन बदल लें... ये कुछ चुभता-सा है...
आपको भी नव-वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं...
प्रेरक एवं प्रभावकारी रचना के लिए बधाई, मंगल कामना एवं साधुवाद!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएं