हाल ऐ वतन हम कैसे कहें,
बेदर्द जमाने को हम कैसे सहें,
हाल ऐ वतन हम कैसे कहें, |
मुस्तकविल वतन का क्या होगा,
जख्म ऐ मरहम वतन का क्या होगा,
हम से ही वतन का वजूद है,
दर्द ऐ वतन हम कैसे सहें,
हाल ऐ वतन हम कैसे कहें, |
हम ही वतन के नुमाइंदे हैं,
हाल ऐ वतन हम क्या कहें,
हाल ऐ वतन हम कैसे कहें, ||
दीपांकर कुमार पाण्डेय
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
बहुत बुरा हाल है वतन का!
जवाब देंहटाएंजी सही कह रहें हैं सर
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंBahut Sunder Rachna...
जवाब देंहटाएंकहना भी कठिन,
जवाब देंहटाएंसहना भी कठिन।
watan ko yaad kiya, achchha laga:)
जवाब देंहटाएंbunavat me khamiyan hain par baat achchhi hai
जवाब देंहटाएंbhaav sarahneey,magar bhasha(vyakran)abhi kachchi hai...'hal-e-vatan' hota hai, halai vatan galat hai......bura laga ho to kchhama...
क्रांतिकारी भाव.....
जवाब देंहटाएंक्या यही गणतंत्र है