जिस तरह से भारत में रहने वाले लोगो को सुन्दरता के लिए दुनिया में आठवां स्थान प्राप्त हुआ है, यह गलत तो है ही, लेकिन पक्ष पात पूर्ण भी है क्योंकी जिस तरह से इंग्लैंड और अमेरिका के लोग रहते हैं, इस तरह से देखा जाय तो यह बहुत ही गन्दा तरीका है की यहाँ के लोग तो ६ -६ महीने चादर ही नहीं धोते साफ सफाई ही नहीं रखते , सिर्फ ड्राईक्लीन ( सूखा स्नान) होने से ही नहीं बात बनती , लोगो को और भी कुछ देखना चाहिए, केवल चमड़ी की ही चमक से परिणाम नहीं निकलना चाहिए क्योंकि भारतीय लोग तो सदाबाहरी लोग होते हैं उनके लिए क्या जाड़ा क्या बरसात क्या गर्मी सभी मौसम में एक जैसे ही रहतें है, जिसे प्राकृतिक सुन्दरता कहा जा सकता है
ऐसे में सिर्फ बनावटी सुन्दरता के लिए प्रथम स्थान क्यों निर्धारित किया गया है , भारतीयों की सुन्दरता अनोखी सुन्दरता है जो की पूरी दुनिया में नहीं है, सुस्मिता सेन , ऐस्वर्याराय, प्रियंका चोपड़ा, जैसी बिस्वासुंदरियां अपनी सौन्दर्ता के लिए जानी जाती है, सलमान खान, अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, जैसे सफल अभिनेता अपनी आकर्षण के लिए विश्व बिख्यात हैं
इस तरह भारतीय लोगों की जो प्राकृतिक सुन्दरता है, बाह्य अथवा आन्तरिक , दोनों को देखना चाहिए लोगों का ब्योहार कैसा है रहन सहन कैसा है , भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे सुन्दर सभ्यता है और इस तरह से इस वेबसाइड का जो सर्वे है उसे मै गलत करार देता हूँ
भाई साहब आपने कोशिश तो अच्छी की है परन्तु अर्थपूर्ण लेख लिखने की कोशिश करें,
जवाब देंहटाएंशुभकामना......