मै तो बीता हुआ काल हो गया,
इक अनजाना सा ख़याल हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया ......|
जब मै था, तो दुनिया खुश थी
दुनिया में अमन चैन था
अब ये पुराना ख़याल हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया ..|
जब मै था, तो शर्मो हया का पर्दा था
बड़ों का सम्मान था, छोटों को प्यार था,
अब तो ये पिछड़ा हुआ ख़याल हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया ......|
मै तो दुनिया को बनाता रहा
नई-नई सभ्यता से सजाता रहा
एकता का सबक सिखाता रहा
अब तो इसी को मिटाने का रिवाज हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया |
अब ये बातें किताबों में सजने लगी
सभी को नई - नई इस्टाइलें जमने लगीं
एक से एक नव सभ्यता का विकास हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया |
जब मै था तो वदन छिपता था
रंग विरंगे बादलों में जैसे चाँद खिलता था
अब तो सूक्ष्म वस्त्रों का आविर्भाव हो गया
ओपन बाड़ी का विस्तार हो गया,
मै तो बीता हुआ काल हो गया,
इक अनजाना सा ख़याल हो गया |
मै गया, वो आया ,
सदाचार गया, व्यभिचार आया ,
सभ्यता को लाना दुराचार हो गया
कितना बदला - बदला संसार हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया
इक अनजाना सा ख़याल हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया ||
दीपांकर कुमार पाण्डेय
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
जब मै था, तो दुनिया खुश थी
जवाब देंहटाएंदुनिया में अमन चैन था
अब ये पुराना ख़याल हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया ..|
जब मै था, तो शर्मो हया का पर्दा था
बड़ों का सम्मान था, छोटों को प्यार था,
अब तो ये पिछड़ा हुआ ख़याल हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया ......|
मै तो दुनिया को बनाता रहा
नई-नई सभ्यता से सजाता रहा
एकता का सबक सिखाता रहा
अब तो इसी को मिटाने का रिवाज हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया |
waah sunder sabdo se rachi sunder rachna ke liye bahut bahut hardik badhai ..........
मै तो दुनिया को बनाता रहा
जवाब देंहटाएंनई-नई सभ्यता से सजाता रहा
एकता का सबक सिखाता रहा
अब तो इसी को मिटाने का रिवाज हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया
बहुत सही चित्रण किया है आपने अपनी कविता के ज़रिये
लिखते रहें.... मेरी शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंDeepankar ji bahut achchi lagi aapki rachna padhne mein
जवाब देंहटाएंबीता हुआ काल, किले की दीवार सा खड़ा हो जाता है, जिसे देखा तो जा सकता है पर पार नहीं जाया जा सकता है।
जवाब देंहटाएंसभ्यता को लाना दुराचार हो गया
जवाब देंहटाएंकितना बदला - बदला संसार हो गया
बहुत अच्छा लिखा है आपने.. शब्दों में दम है और भाव गहरे हैं.
आपके ब्लॉग का कलर मैच सही नहीं लगा. हो सके तो बदल दें.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद्
achchhi lagi aapki kavita. aabhar
जवाब देंहटाएंअब ये बातें किताबों में सजने लगी
जवाब देंहटाएंसभी को नई - नई इस्टाइलें जमने लगीं
एक से एक नव सभ्यता का विकास हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया |
जब मै था तो वदन छिपता था
रंग विरंगे बादलों में जैसे चाँद खिलता था
अब तो सूक्ष्म वस्त्रों का आविर्भाव हो गया
ओपन बाड़ी का विस्तार हो गया,
मै तो बीता हुआ काल हो गया,
bahut hi sunder aur bhaawpurn.........
ब्लॉगर मीट में जिसका नाम है FIND RAJASTHAN
जवाब देंहटाएंआप सभी आमंत्रित हैं
रानी जिला पाली राजस्थान मैं दिनांक 1 व 2 मई को आयोजित होने वाले ब्लॉगर मीट में जिसका नाम है FIND RAJASTHAN
इसमें प्रथम दिवस में आने के बाद आराम विश्राम के पश्चात परिचय सत्र का आयोजन किया जायेगा, इसके पश्चात रात्रि के समय एक गोष्ठी होगी जिसमे कुछ ज्वलंत मुद्दों पर आप सभी ब्लागरों से चर्चा की जायेगी
दुसरे दिन नजदीकी भ्रमण स्थान रणकपुर जैन मंदिर जो की विश्व प्रशिद्ध है का भ्रमण किया जायेगा .
नजदीकी रेलवे स्टेशन रानी और फालना है जयपुर दिल्ली और मुंबई तक से सीधी ट्रेन सुविधा है साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश से भी कई ट्रेने चलती है
आप केवल अपना स्थान बता दीजिये पूर्ण ट्रेन की समय सारणी भिजवा दी जाएगी
कृपया कर आने वाले ब्लॉगर अपना नाम दिनांक 25 अप्रेल तक दे देवें ताकि कार्यक्रम की रुपरेखा प्रकाशित हो सके
संपर्क करें bloggermeet@naradnetwork.in
tarun@naradnetwork.in
Mobile No. 9251610562
http://www.naradnetwork.in
sabhi rachnayein sunder hain
जवाब देंहटाएंअच्छी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंमै तो दुनिया को बनाता रहा
जवाब देंहटाएंनई-नई सभ्यता से सजाता रहा
एकता का सबक सिखाता रहा
अब तो इसी को मिटाने का रिवाज हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया
बेहतरीन अभिव्यक्ति....
pyari si rachna.........
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रयास व्यर्थ नहीं जाते ..
जवाब देंहटाएंजब मै था, तो शर्मो हया का पर्दा था
जवाब देंहटाएंबड़ों का सम्मान था, छोटों को प्यार था,
अब तो ये पिछड़ा हुआ ख़याल हो गया ...
Bahut khoob ... Deepankar ji aapne har chand ke maadhyam se badalte sanskaaron ko aade haath liya hai ... bahut hi lajawaab ...
जब मै था, तो शर्मो हया का पर्दा था
जवाब देंहटाएंबड़ों का सम्मान था, छोटों को प्यार था,
अब तो ये पिछड़ा हुआ ख़याल हो गया
Nice post.
Font ka Colour dark karen .
जवाब देंहटाएंYellow men padhna mushkil hota hai .
nice
जवाब देंहटाएंमै तो दुनिया को बनाता रहा
जवाब देंहटाएंनई-नई सभ्यता से सजाता रहा
एकता का सबक सिखाता रहा
अब तो इसी को मिटाने का रिवाज हो गया
मै तो बीता हुआ काल हो गया |
बहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति..बहुत सुन्दर
बहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सही चित्रण किया है आपने अपनी कविता के ज़रिये| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंbahut sunder chitran huaa haae ?
जवाब देंहटाएंwah!!!
जवाब देंहटाएंकाल चिंतन -
जवाब देंहटाएंजी बीत गयी सो बात गयी!
गुजरा हुआ कल और गुजरा हुआ काल -काफी अंतर है दोनों में !
वो कहते हैं न कि मैं कोई गुजरा हुआ समय नहीं जो फिर वापस न आ सकूं !
खुबसुरत रचना। सीधे दिल में उतरती है। आभार।
जवाब देंहटाएंpahli baar padha aapko aap bahut acchha likhte hain. ye rachna bahut jabardast hai.
जवाब देंहटाएंbadhayi.
सुन्दर गीत.
जवाब देंहटाएंजब मै था, तो शर्मो हया का पर्दा था
जवाब देंहटाएंबड़ों का सम्मान था, छोटों को प्यार था,
bahut khoob , sunder rachna
सदाचार गया, व्यभिचार आया ,
जवाब देंहटाएंसभ्यता को लाना दुराचार हो गया /
बहुत सुंदर रचना . कभी समय मिले तो shiva12877.blogspot.com ब्लॉग पर भी एक नज़र डालें .
बहुत अच्छा लिखा है आपने.. शब्दों में दम है और भाव गहरे हैं.
जवाब देंहटाएंनवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंमाँ दुर्गा आपकी सभी मंगल कामनाएं पूर्ण करें
धन्यवाद संजय जी
जवाब देंहटाएंनंगे सच को बहुत सलीके से अभिव्यक्त कर रही है आपकी सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर - प्रशंसनीय प्रस्तुति - शुभकामनाएं तथा शुभ आशीष
जवाब देंहटाएंsundar
जवाब देंहटाएंachhi prasturi
अच्छी अभिच्यक्ति !
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी और सच्ची अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंअपने भावों को पूरी तरह प्रेषित हरती हुई रचना..!!
सुन्दर भावों से भरी बढ़िया रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी और सच्ची अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंbahut hi khubsurat rachna atit ki yaad ko dohrane me kamyaab
जवाब देंहटाएंsundar rachna
nice poem, i like it.keep it
जवाब देंहटाएंif you are interested.
you can read my blog http://avneeshkumar.wordpress.com
Nice. enjoyed it.
जवाब देंहटाएंअति उत्तम ,अति सुन्दर और ज्ञान वर्धक है आपका ब्लाग
जवाब देंहटाएंबस कमी यही रह गई की आप का ब्लॉग पे मैं पहले क्यों नहीं आया अपने बहुत सार्धक पोस्ट की है इस के लिए अप्प धन्यवाद् के अधिकारी है
और ह़ा आपसे अनुरोध है की कभी हमारे जेसे ब्लागेर को भी अपने मतों और अपने विचारो से अवगत करवाए और आप मेरे ब्लाग के लिए अपना कीमती वक़त निकले
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
सदाचार गया, व्यभिचार आया ,
जवाब देंहटाएंसभ्यता को लाना दुराचार हो गया
Nice .
font colour
जवाब देंहटाएंDark kijiye
Padhna mushkil ho raha hai.
why so nagative
जवाब देंहटाएंVery well written Sir....Incredible... Congrats...
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